Oil Prices Today: यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की आशंका से क्रूड में गिरावट, जानिये लेटेस्ट रेट
Oil Prices Today: अमेरिका में महंगाई दर (US Inflation Data) 9.1% के साथ 41 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए यूएस फेडरल रिजर्व दरों में आक्रामक इजाफा कर सकता है. इससे तेल की मांग थम जाएगी.
फेडरल रिजर्व 41 साल को देखते हुए दर में 100 बेसिस पॉइंट्स बढ़ोतरी कर महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर सकता है. (Reuters)
फेडरल रिजर्व 41 साल को देखते हुए दर में 100 बेसिस पॉइंट्स बढ़ोतरी कर महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर सकता है. (Reuters)
Oil Prices Today: अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी की संभावना से गुरुवार, 14 जुलाई को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज आई. अमेरिका में महंगाई दर (US Inflation Data) 9.1% के साथ 41 साल की ऊंचाई पर पहुंच गई है. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए यूएस फेडरल रिजर्व दरों में आक्रामक इजाफा कर सकता है. इससे तेल की मांग (Crude Oil Price) पर अंकुश लग जाएगा. बुधवार को सितंबर ब्रेंट क्रूड वायदा 20 सेंट या 0.2% गिरकर 99.37 डॉलर प्रति बैरल हो गया. अगस्त डिलीवरी के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड पिछले सत्र में 46 सेंट बढ़ने के बाद 37 सेंट या 0.4% गिरकर 95.93 डॉलर प्रति बैरल था. फेडरल रिजर्व 41 साल को देखते हुए दर में 100 बेसिस पॉइंट्स बढ़ोतरी कर महंगाई के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर सकता है.
बैंक ऑफ कनाडा ने 1% बढ़ाई दरें
बैंक ऑफ कनाडा ने बुधवार को महंगाई को रोकने के लिए दर में 100 बेसिस पॉइंट्स इजाफा करने की घोषणा की है. इकोनॉमिक साइकल में इतनी आक्रामक बढ़ोतरी करने वाला यह G7 का पहला देश है.
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ब्लूमबर्ग न्यूज ने बुधवार को अनुमानों के मसौदे का हवाला देते हुए कहा कि यूरोपीयन कमिशन ने महंगाई के रिकॉर्ड स्तर की भविष्यवाणी की और यूक्रेन में युद्ध के परिणामस्वरूप 2022 और 2023 के लिए जीडीपी पूर्वानुमान को घटा दिया है. बढ़ती कीमतों और सर्दियों की ऊर्जा की कमी के खतरे के कारण मांग में कमी आई.
डॉलर के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ा है, जिसे सेफ हेवन एसेट के रूप में देखा जाता है. डॉलर इंडेक्स बुधवार को 20 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जिससे नॉन-अमेरिकी खरीदारों के लिए तेल की खरीद अधिक महंगी हो गई.
चीन में तेल का आयात घटा
चीन में कोविड-19 के नए मामलों पर लगाम लगाने के लिए कई शहरों में लॉकडाउन लगाए जाने की चिंता से तेल की मांग में कमी आई है. इसका असर कीमतों (Oil Price) पर पड़ा है. जून में चीन में रोजाना कच्चे तेल आयात जुलाई 2018 के बाद सबसे निचले स्तर पर आ गया है.
यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन का डेटा भी मांग में कमी की ओर इशारा करता है. ऑयल प्रोडक्शन 18.7 मिलियन बैरल प्रति बैरल है, जो जून 2021 के बाद से सबसे कम है. क्रूड इन्वेंट्री बढ़ी है, जो स्टैटेजिग रिजर्व से रिलीज से बढ़ी है.
07:26 PM IST