नई कंपनी खोलना और होगा आसान, सरकार उठा रही है यह बड़ा कदम, ई-फॉर्म होगा लागू
Ease of doing business in India: कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) 10 सेवाओं की पेशकश के लिए ‘स्पाइसईप्लस’ नाम से ई-फॉर्म शुरू करने जा रहा है. इससे देश में कारोबार शुरू करने के लिए प्रक्रियाओं में कमी आएगी, समय की बचत होगी और लागत घटेगी.
सरकार 15 फरवरी से नई कंपनियों के गठन के लिए एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म (e-form) लागू करेगी. (रॉयटर्स)
सरकार 15 फरवरी से नई कंपनियों के गठन के लिए एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म (e-form) लागू करेगी. (रॉयटर्स)
Ease of doing business in India: देश में अब नई कंपनी शुरू करना और आसान होने वाला है. इसमें होने वाली देरी पर सरकार अब विशेष कदम उठाने जा रही है. कारोबार सुगमता (ease of doing business) बढ़ाने के लिए सरकार 15 फरवरी से नई कंपनियों के गठन के लिए एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म (e-form) लागू करेगी. इसके तहत कंपनी को ईपीएफओ (epfo) और ईएसआईसी (esic) रजिस्ट्रेशन नंबर तत्काल आवंटित कर दी जाएगी. कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) 10 सेवाओं की पेशकश के लिए ‘स्पाइसईप्लस’ नाम से ई-फॉर्म शुरू करने जा रहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, अभी मंत्रालय का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म स्पाइस (इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कंपनी के गठन का सरलीकृत प्रारूप) है. स्पाइस प्लस इसका स्थान लेगा.
मंत्रालय ने सार्वजनिक सूचना में कहा कि इस फॉर्म के जरिये दी जाने वाली 10 सेवाओं की पेशकश से देश में कारोबार शुरू करने के लिए प्रक्रियाओं में कमी आएगी, समय की बचत होगी और लागत घटेगी. श्रम मंत्रालय, वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग और महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) इस फॉर्म के जरिये कुछ और सेवाएं भी पेश करने जा रही हैं. 15 फरवरी से गठित होने वाली नई कंपनियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.
नोटिस में कहा गया है कि संबंधित एजेंसियों द्वारा ईपीएफओ और ईएसआईसी रजिस्ट्रेशन नंबर अलग से नहीं जारी किए जाएंगे. इसके अलावा महाराष्ट्र में 15 फरवरी से गठित कंपनियों के लिए पेशेवर कर के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. नाम आरक्षण और कंपनी गठन के अलावा ईपीएफओ और ईएसआईसी रजिस्ट्रेशन नंबर भी जारी किया जाएगा.
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इस फॉर्म के जरिये अनिवार्य रूप से स्थायी खाता संख्या (PAN), कर कटौती और संग्रह खाता संख्या (TAN), प्रोफेशनल टैक्स रजिस्ट्रेशन (महाराष्ट्र) और कंपनी के बैंक खाता खोलने का काम किया जाएगा. यदि निदेशक पहचान संख्या (डिन) और जीएसटीआईएन ( के लिए आवेदन किया जाता है तो उसका भी आवंटन किया जाएगा.
03:21 PM IST