मुनाफे का कारोबार, सिर्फ 200 रुपए में शुरू करें दिवाली पर पटाखे का बिजनेस
अगले महीने दिवाली है. पटाखों के शौकीन और शोर मचाने वाले बमों की बरसात देखने को मिलती है. करोड़ों का कारोबार होता है.
अगले महीने दिवाली है. पटाखों के शौकीन और शोर मचाने वाले बमों की बरसात देखने को मिलती है. करोड़ों का कारोबार होता है. बड़े कारोबारियों के साथ छोटे कारोबारी भी इस दौरान बड़ा मुनाफा कमाते हैं. सिर्फ 200 रुपए में शुरू होने वाले इस कारोबार में मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है. इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं से गुजरना होता है. लाइसेंस लेने से लेकर पटाखा बेचने तक क्या-क्या करना होता है ये हम आपको बताएंगे. साथ ही इसके लिए कहां आवेदन करें, किस डिपार्टमेंट से एनओसी लेनी होगी और कितने प्रकार के लाइसेंस होते हैं. ये सब आपको बताएंगे.
दिल्ली के सदर बाजार पटाखा एसोसिएशन के नरेंद्र गुप्ता के मुताबिक, यदि आप छोटे कारोबारी हैं तो 200 रुपए की लाइसेंसी फीस देकर कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो आसानी से आप ऐसा कर सकते हैं. छोटे कारोबारियों के लिए ये मुनाफे का बिजनेस है. अगर आपको लाइसेंस नहीं मिलता तो भी आप 100 किलोग्राम तक के पटाखे की बिक्री बिना लाइसेंस लिए कर सकते हैं. पटाखों का बिजनेस 10 हजार रुपए से शुरू किया जा सकता है. कम दिनों में हजारों का मुनाफा कमा सकता है तो इस कारोबार में कोई बुराई नहीं है. हालांकि, इस बार पटाखा 15 फीसदी महंगा होगा. दरअसल, पेपर कॉस्टिंग और लेबर व ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ने से इस पर असर पड़ा है. कारोबारियों का मुनाफा भी घटा है, लेकिन इतने कम दिन में मुनाफा कमाने के लिए ये बिजनेस किया जा सकता है.
किस-किस डिपार्टमेंट से लेना होता है लाइसेंस
लाइसेंस लेने के लिए आपको डीसीपी ऑफिस में आवेदन करना होता है. लाइसेंस नंबर इश्यु होने के बाद कारोबारी को लोकल पुलिस, पुलिस हेडक्वार्टर, ऑपरेशन सेल, फायर सर्विसेज और एमसीडी से एनओसी लेनी होती है. एनओसी मिलने के बाद डीसीपी ऑफिस से ही लाइसेंस मिलता है. पटाखा कारोबार के लिए दो प्रकार के लाइसेंस मिलते हैं. इनमें एक परमानेंट और दूसरा टैम्परेरी लाइसेंस होता है.
TRENDING NOW
एक महीने बाद Defence PSU को मिला बड़ा ऑर्डर, टोटल ऑर्डर बुक ₹8,828 करोड़ के पार, सालभर में 98% चढ़ा शेयर
मल्टीबैगर Defence PSU को रक्षा मंत्रालय से मिला ऑर्डर, शेयर पर रखें नजर, सालभर में 78% दे चुका है रिटर्न
क्या है दोनों लाइसेंस में अंतर
परमानेंट लाइसेंसः परमानेंट लाइसेंस शहर में बैठे बहुत कम कारोबारियों के पास होता है. दरअसल, हर साल नए कारोबारियों के जुड़ने से परमानेंट लाइसेंस देना बंद कर दिया है. हालांकि पुराने कारोबारी जिनके पास परमानेंट लाइसेंस है उन्हें हर साल इसे रिन्यू कराना होता है. परमानेंट लाइसेंस वालों के पास डायरेक्टर शिवाकाशी से माल लेने का भी अधिकार होता है. उन्हें डायरेक्ट माल मिलने से उनका मुनाफा ज्यादा होता है.
टैम्परेरी लाइसेंसः टैम्परेरी लाइसेंस हर साल बनाए जाते हैं. ये लाइसेंस ज्यादातर हर साल जुड़ने वाले नए कारोबारियों को दिया जाता है. लाइसेंस लेने के लिए प्रक्रिया वो ही रहती है. हर साल टैम्परेरी लाइसेंस के जरिए कारोबार करने वाले कारोबारी कम से कम 3 साल बाद परमानेंट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं. टैम्परेरी लाइसेंस वाले कारोबारियों को शिवाकाशी से डायरेक्ट माल नहीं मिलता. वो स्थानीय बड़े कारोबारी या फिर परमानेंट लाइसेंस होल्डर से पटाखा माल लेकर बेचते हैं. इससे टैम्परेरी लाइसेंस वालों का मुनाफा काफी कम रहता है. दोनों लाइसेंस की फीस 200 रुपए प्रति लाइसेंस होती है.
क्या-क्या चाहिए
कारोबार शुरू करने के लिए आपको 9 फीट, 81 फुट या 9 मीटर- दुकान, रेत के बैग, दमकल उपकरण, वाटर बकेट चाहिए.
15 से 20 प्रतिशत महंगे
पेपर का प्राइस 10 प्रतिशत बढ़ने और लेबर और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ने से पटाखे भी 15-20 फीसदी महंगे हो गए हैं.
मार्केट ब्रांड
मुर्गा- पहले 70 का कब्जा अब 50 रह गया
अब- ब्रांड स्टैंडर्ड - राजेश्वरी, कॉर्नेशन
03:08 PM IST