चीन को भारत के कारोबारियों ने दिया 40000 करोड़ का झटका, बेचा 72000 करोड़ रुपये का माल
खबर के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच टेंशन के बाद CAIT ने चीनी प्रो़डक्ट्स का बहिष्कार करने का आह्वान किया था.
इस दिवाली सीजन में चीनी एक्सपोर्टर्स को 40000 करोड़ रुपये का जोरदार नुकसान हुआ. (रॉयटर्स)
इस दिवाली सीजन में चीनी एक्सपोर्टर्स को 40000 करोड़ रुपये का जोरदार नुकसान हुआ. (रॉयटर्स)
Diwali sales 2020: देशभर के कारोबारियों ने इस दिवाली (Diwali 2020) चीन को जबरदस्त झटका दिया है. देश में चीन के खिलाफ सेंटीमेंट ने भारतीय कारोबारियों को काफी सपोर्ट किया और इस वजह से इस दिवाली घरेलू कारोबारियों ने 72000 रुपये का माल बेचा. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह ताजा जानकारी दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, भारतीय विक्रेताओं की तरफ से किए गए बहिष्कार के बीच इस दिवाली सीजन में चीनी एक्सपोर्टर्स को 40000 करोड़ रुपये का जोरदार नुकसान हुआ.
खबर के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच टेंशन के बाद CAIT ने चीनी प्रो़डक्ट्स का बहिष्कार करने का आह्वान किया था. कन्फेडरेशन ने कहा कि 20 अलग-अलग शहरों से जमा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, त्योहारी बिक्री करीब 72,000 करोड़ रुपये की रही.
इन सामानों की हुई जोरदार बिक्री
उपभोक्ताओं ने तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान (FMCG), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, खिलौने, बिजली के उपकरण और सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सफेद सामान, रसोई के सामान और सामान, उपहार की वस्तुएं, मिष्ठान्न वस्तुएं, मिठाइयां, घरेलू सामान, टेपेस्ट्री, बर्तन, सोने और आभूषण, जूते, घड़ियां, फर्नीचर, वस्त्र, फैशन ड्रेस, कपड़े और घर की सजावट का सामान.
इन शहरों में कारोबार के डेटा जुटाए गए
सीएआईटी के मुताबिक, दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान मजबूत बिक्री 'भविष्य में अच्छी कारोबार संभावनाओं' का संकेत देती है. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, नागपुर, रायपुर, भुवनेश्वर, रांची, भोपाल, लखनऊ, कानपुर, नोएडा, जम्मू, अहमदाबाद, सूरत, कोचीन, जयपुर, चंडीगढ़ को CAIT की तरफ से 'डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर' माना जाता है.
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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव (Positive for Indian Economy)
यह बिक्री भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव है. आरबीआई ने इस सप्ताह कहा था कि अगर दिसंबर और सितंबर में अक्टूबर में इकोनॉमी में तेजी आती है तो देश दिसंबर 2020 में समाप्त होने वाली तिमाही में विकास की ओर लौट सकता है. देश में खपत के पैटर्न से उम्मीद से पहले विकास में वापसी तय हो सकती है.
04:29 PM IST