मलविंदर ने कोर्ट के मना करने पर भी बेच डाली अपनी प्रॉपर्टी, लगा तगड़ा जुर्माना
रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज के पूर्व प्रवर्तक मलविंदर सिंह को आदेश के उल्लंघन पर 35 लाख सिंगापुरी डॉलर जमा करने का निर्देश दिया गया है.
मलविंदर ने 19 फरवरी के उस फैसले की अवमानना की है जिसमें संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया गया था. (फाइल फोटो)
मलविंदर ने 19 फरवरी के उस फैसले की अवमानना की है जिसमें संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया गया था. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने रैनबैक्सी लैबोरेट्रीज लिमिटेड के पूर्व प्रवर्तक मलविंदर सिंह को अदालती आदेश के उल्लंघन के लिए 35 लाख सिंगापुरी डॉलर जमा कराने का निर्देश दिया है. मलविंदर ने यह राशि एक कंपनी में अपने शेयर बेचकर प्राप्त की थी, जो अदालत के आदेश का उल्लंघन है. न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि निश्चित रूप से यह अदालत के पिछले आदेश का उल्लंघन है. उच्च न्यायालय ने मलविंदर और उनके भाई शिविंदर सिंह को अपनी संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया था.
अदालत का यह निर्देश उस समय आया जब मलविंदर के अधिवक्ता ने अदालत को सूचित किया कि रेलिगेयर हेल्थकेयर ट्रस्ट रिपीट ट्रस्ट में उनके 45 लाख इक्विटी शेयर अप्रैल में सिंगापुर में बेचे गए. मलविंदर भी उस समय अदालत में मौजूद थे. उन्होंने बताया कि इस शेयर बिक्री से मलविंदर को 35 लाख सिंगापुरी डॉलर मिले. इस राशि का इस्तेमाल मलविंदर और शिविंदर ने सिंगापुर में एक अपार्टमेंट के ईएमआई के भुगतान के लिए किया, जिससे भुगतान में चूक होने से बचा जा सके.
दिल्ली उच्च न्यायालय दाइची सान्क्यो की उस याचिका की सुनवाई कर रहा है जिसमें उसने सिंगापुर न्यायाधिकरण के फैसले के क्रियान्वयन की अपील की है. इस मामले में न्यायाधिकरण ने 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था. दाइची के वकील ने कहा कि मलविंदर ने अदालत के 19 फरवरी के उस फैसले की अवमानना की है जिसमें दोनों भाइयों को संपत्तियों की बिक्री नहीं करने का निर्देश दिया गया था.
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अदालत ने कहा था कि दोनों भाइयों ने इस मामले के दौरान जिन संपत्तियों का खुलासा किया है उसकी बिक्री वे नहीं कर सकते. अदालत ने दोनों भाइयों और 12 अन्य पर अपने शेयरों या किसी अन्य चल अचल संपत्ति के स्थानांतरण पर रोक लगाई थी. आदेश के उल्लंघन पर संज्ञान लेते हुए न्यायाधीश ने कहा कि निश्चित रूप से यह अदालती निर्देशों के उल्लंघन का मामला है. ऐसे में मलविंदर को निर्देश दिया जाता है कि वह शेयरों की बिक्री से हासिल राशि अदालत की रजिस्ट्री के पास जमा कराएं. दो घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यह राशि चार सप्ताह में जमा करानी होगी.
यह सूचित किए जाने पर कि अदालत द्वारा नियुक्त स्थानीय आयुक्त ने सिंह भाइयों के सूचीबद्ध कंपनियों में शेयर बेचे हैं, न्यायाधीश ने कहा कि इस बिक्री से हासिल 9.2 करोड़ रुपये दाइची को जारी किए जाएं. हालांकि, अदालत ने दाइची से एक शपथपत्र देने को कहा जिसमें कहा गया है कि यदि भविष्य में धन को वापस जमा करने को कहा जायेगा तो वह उसका अनुपालन करेगा.
इनपुट एजेंसी से
07:55 PM IST