बॉलीवुड पर छाया चुनावी साया, फिल्मों की कमाई 70 फीसदी तक कम हुई
देश में चुनावी माहौल है. राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. लोग अब चुनावी रंग में डूबे हुए हैं. इसका असर फिल्मी दुनिया पर साफ देखा जा सकता है. बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में भारी कमी आई है.
इस चुनावी माहौल में रिलीज हो रहीं फिल्मों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि केसरी फिल्म ने अच्छा कलेक्शन किया है.
इस चुनावी माहौल में रिलीज हो रहीं फिल्मों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि केसरी फिल्म ने अच्छा कलेक्शन किया है.
फिल्में समाज का आईना होती हैं. सामाजिक गतिविधियों से प्रेरित कहानियां अक्सर लोगों के दिल को छूती हैं. गर्मियों में स्कूल की छुट्टियां बॉलीवुड के कमाई का सीजन होती हैं. अप्रैल, मई, जून के दौरान डायरेक्टर बड़ी संख्या में अपनी फिल्में रिलीज करते हैं और खूब कमाई करते हैं. लेकिन इस बार का यह सीजन देश में चल रहे आम चुनाव और आईपीएल की भेंट चढ़ गया.
इस चुनावी माहौल में रिलीज हो रहीं फिल्मों को घाटे का सामना करना पड़ रहा है. पिछले दिनों में रिलीज हुईं फिल्मों का बिजनेस भी काफी कम रहा है. इस हफ्ते रिलीज हो रही मेगा बजट फिल्म 'कलंक' को भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
70 फीसदी तक गिरी फिल्मों की कमाई
वरिष्ठ पत्रकार कुमार मोहन का मानना है कि फिल्मों का बिजनेस 70 फीसदी गिर चुका है. एक तरफ चुनाव और दूसरी तरफ आईपीएल ने फिल्मी बिजनेस की हालत खराब कर रखी है. लोग सिनेमाघरों की तरफ रुख नहीं कर रहे हैं. चुनावी माहौल की वजह से फिल्में पहले ही वीकेंड में 30 फीसदी से ज्यादा का बिजनेस नहीं कर पा रही हैं. हालांकि फिल्म 'कलंक' की एडवांस बुकिंग एक हफ्ते पहले से शुरू हो गई है. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहले हफ्ते में 'कलंक' फैंस को अपनी ओर आकर्षित कर ले. नहीं तो चुनावी माहौल का असर फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर भी जरूर दिखेगा.
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देश में चुनावी माहौल है. राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. लोग अब चुनावी रंग में डूबे हुए हैं.आमतौर पर एंटरटेनमेंट के लिए लोग सिनेमाघरों का रुख करते हैं लेकिन इस चुनावी माहौल में लोगों का इंटरटेनमेंट हर पल हो रहा है.
वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मी समीक्षक इंदर मोहन पन्नू का मानना है की लोग सिनेमाघरों की तरफ तब जाते है ,जब उन्हें एंटरटेनमेंट की जरूरत होती है. इस चुनावी माहौल में लोगों को घर बैठे ही मनोरंजन मिल रहा है, इसलिए वे सिनेमाघरों की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. राजनीतिक पार्टियों की बयानबाजी, एनिमेशन, हंसी मजाक और व्यंग दर्शकों की एंटरटेनमेंट की खुराक को शांत करते हैं. इसका असर फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन साफ नजर आ रहा है.
इसके अलावा देश के युवा आईपीएल की खुमारी में डूबे हुए हैं. रोजाना आईपीएल के रोमांचक मुकाबले हो रहे हैं. सिनेमाघरों की तरफ जाने वाली भीड़ आईपीएल से खींच ली है. इसलिए यह सीजन बॉलीवुड के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है.
अप्रैल में फिल्मों की संख्या में कमी
अगर मार्च और अप्रैल के महीने में रिलीज होने वाली फिल्मों की संख्या देखी जाए तो मार्च में एग्जाम सीजन होने के बाद भी काफी संख्या में फिल्में रिलीज हुई थीं, जबकि अप्रैल छुट्टियों का सीजन है, लेकिन चुनावी माहौल के चलते इस महीने रिलीज होने वाली फिल्मों की संख्या काफी कम है.
मार्च में रिलीज होने वाली फिल्मों की बात करें तो इस महीने लुका छिप्पी, बदला, मिलन टॉकीज, केसरी, नोटबुक और जंगली समेत कुल 13 फिल्में रिलीज हुई थीं. जबकि अप्रैल में अब तक रोमियो अकबर वॉल्टर, कलंक, अल्वर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है समेत कुल 6 फिल्में या तो रिजीज हो चुकी हैं या फिर रिलीज होने के लिए पाइप लाइन में हैं. अगर बात कमाई की करें तो इनमें केसरी फिल्म ने सबसे ज्यादा कमाई की है. केसरी 148 करोड़ के कलेक्शन के साथ हिट फिल्म साबित हुई है.
(मुंबई से सोनल सिंह की रिपोर्ट)
09:06 PM IST