इस सरकारी कंपनी के निजीकरण की तैयारी जोरों पर, जानिए इससे सरकार की कितनी कमाई होगी
BEML Privatisation: हेवी मशीन बनाने वाली भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड यानी BEML के निजीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है. माना जा रहा है कि दिसंबर तिमाही में रणनीतिक विनिवेश के तहत वित्तीय बोली मंगवाई जा सकती है. सरकार के पास 54 फीसदी हिस्सेदारी, जिसमें 26 फीसदी बेचने जा रही है.
Privatization of BEML: केंद्र सरकार की एक और कंपनी का प्राइवेटाइजेशन हो सकता है. इस कंपनी का नाम भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड (BEML) है. इसे स्ट्रैटिजिक सेल के जरिए से बेचा जा सकता है. खबर मिली है कि सरकार दिसंबर तिमाही में बीईएमएल के निजीकरण के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित कर सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में बीईएमएल की जमीन और गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में शामिल करने को मंजूरी दी थी.
BEML लैंड असेट्स में मिलेगा हिस्सा
अधिकारी ने बताया कि बीईएमएल के हर शेयरधारक को बीईएमएल लैंड एसेट्स लिमिटेड में हिस्सा मिलेगा और इसे अलग करने की प्रक्रिया सितंबर के अंत या अक्टूबर की शुरुआत तक पूरी कर ली जाएगी. उन्होंने बताया, ‘‘सितंबर के अंत तक या अक्टूबर की शुरुआत में अलग होने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीईएमएल की रणनीतिक बिक्री के लिए वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.’’
26 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
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अधिकारी के मुताबिक वित्तीय बोलियां अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में आने की उम्मीद है. तब तक शेयर खरीद समझौते के मसौदे को भी अंतिम रूप दे दिया जाएगा. सरकार ने पिछले साल जनवरी में प्रबंधन नियंत्रण के साथ बीईएमएल में 26 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित की थीं.
सरकार के पास 54.03 फीसदी हिस्सेदारी
सरकार की रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम बीईएमएल में 54.03 फीसदी हिस्सेदारी है. मौजूदा बाजार भाव पर बीईएमएल में सरकार की 26 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री से करीब 2,000 करोड़ रुपए मिलेंगे.
06:47 PM IST