Gold Bank: देश में गोल्ड बैंक बनाने का क्या होगा फायदा? RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर ने दिए अहम सुझाव
Gold Bank: एक अनुमान के मुताबिक भारत में घरों और धार्मिक संस्थानों के पास लगभग 23,000-24,000 टन सोना है,
(Image: Reuters)
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Gold Bank: रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर आर गांधी ने देश में गोल्ड बैंक बनाने का सुझाव दिया है. गांधी ने कहा है कि लोगों के पास घरों में भारी मात्रा में सोना पड़ा है जिसका कोई इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. गोल्ड बैंक की मदद से इस सोने को मोनेटाइज करने में मदद मिलेगी. अगर देश को अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए सोने को बेहतर तरीके से मेनेटाइज करना है, तो उसे ज्वैलरी के रूप में घरों में सोना रखने की मानसिकता को बदलने की जरूरत होगी.
घरों, धार्मिक संस्थानों में 25 हजार टन सोना
गांधी ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक भारत में घरों और धार्मिक संस्थानों के पास लगभग 23,000-24,000 टन सोना है, लेकिन लोगों की मानसिकता को बदलना आसान नहीं है. यह एक गोल्ड बैंक की कॉन्सेप्ट को खड़ा करने का समय हो सकता है. एक ऐसा बैंक जो गोल्ड डिपॉजिट लेगा और मुख्य रूप से गोल्ड लेन देगा.
उन्होंने कहा कि भारत जैसी इमर्जिंग इकोनॉमी को लगातार हाई ग्रोथ बनाए रखने के लिए बहुत अधिक कैपिटल की जरूरत होती है. गोल्ड बैंक बनाने के लिए बैंक लाइसेंसिंग पॉलिसी, इसके कैश रिजर्व रेश्यो और सांविधिक लिक्विडिटी रेश्यो को लेकर रेग्युलटरी मंजूरियों की जरूरत होगी. गोल्ड बैंक फिलिकल गोलड को मोनेटाइज करने के लिए एक कैटेलिस्ट या मार्केट मेकर की तरह काम करेगा.
गोल्ड को लेकर पॉलिसी में बड़े बदलाव
आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में देश में सोने को लेकर पॉलिसी में बड़ा बदलाव आया है. इसके तहत लोगों को फिजिकल गोल्ड के मुकाबले फाइनेंशियल गोल्ड में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना, लोगों के पास रखे सोने को मोनेटाइज करने के लिए कदम उठाना, क्वालिटी कंट्रोल के लिए फ्रेमवर्क बनाना जैसे कदम उठाए गए हैं. सोने में निवेश के लिए तैयार किए गए नए फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में गोल्ड डिपॉजिट, गोल्ड मेटल लोन, गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) शामिल हैं.
गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ स्कीम्स के चलते लोगों को कुछ फोकस फिजिकल गोल्ड से फाइनेंशियल गोल्ड की ओर बढ़ा है. हमारे पास मौजूदा गोल्ड होल्डिंग को मोनेटाइज कराने की क्षमता है. इसके लिए इन प्रोडक्ट्स को मौजूदा गोल्ड कीमतों से लिंक करने, जागरुकता बढ़ाने और मार्केटिंग प्रोग्राम चलाने की जरूरत है. हालांकि, फिजिकल गोल्ड को फाइनेंशियल गोल्ड में बदलने की सबसे बड़ी चुनौती लोगों की मानसिकता बदलना है.
11:57 AM IST