एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए SBI ने उठाया ये कदम, 1 सितंबर से मिलेगी बड़ी राहत
भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वह निर्यात लेनदेन से जुड़े सेवा शुल्क को 1 सिंतबर से रिवाइज करेगा.
एसबीआई निर्यातकों को बेहतर सेवाएं देने के उपाए कर रहा है (फोटो- पीटीआई).
एसबीआई निर्यातकों को बेहतर सेवाएं देने के उपाए कर रहा है (फोटो- पीटीआई).
भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि वह निर्यात लेनदेन से जुड़े सेवा शुल्क को 1 सिंतबर से रिवाइज करेगा. इसका मकसद कारोबारियों के बीच इनपुट स्ट्रक्चर को लेकर स्पष्टता लाना है. बैंक ने बयान में कहा कि 1 सितंबर से निर्यात लेनदेन से जुड़े सर्विस चार्ज को दो अलग हिस्सों में बांटा जाएगा. यह दो प्रमुख कैटेगरी एक्सपोर्ट के लिए कर्ज लेने वाले ग्राहक और एक्सपोर्ट के अलावा दूसरे कारोबार के लिये कर्ज लेने वाले ग्राहक की है.
भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि छोटी इकाइयों (एमएसएमई) और गैर-एमएसएमई ग्राहकों के लिए शुल्क को अलग-अलग किया जाएगा. निर्यात के लिए कर्ज लेने वाले ग्राहकों के लिए निर्यात लेनेदन से जुड़े सर्विस चार्ज को निर्यात कर्ज सीमा के 0.1 प्रतिशत सालाना (जीएसटी को छोड़कर) पर रखा जाएगा. बैंक ने कहा कि कारोबार करने को आसान बनाने और निर्यातकों के लिए इनपुट स्ट्रक्चर को स्पष्ट करने के लिए इन शुल्कों को तर्कसंगत बनाया जा रहा है.
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एसबीआई को उम्मीद है कि शुक्लों को तर्कसंगत बनाने से निर्यातकों को सहूलियत होगी और ये कदम देश से निर्यात को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा. एसबीआई ने विभिन्न एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की सलाह को ध्यान में रखकर ये बदलाव किए हैं. नए शुल्क साल में एक बार देने होंगे. ऐसे में निर्यातकों को काफी सुविधा होगी और वे कारोबार बढ़ाने पर फोकस कर सकेंगे. निर्यातकों ने एसबीआई के इस फैसले का स्वागत किया है.
01:35 PM IST