EXCLUSIVE: रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में खुलासा, विलफुल डिफॉल्टर कंपनी को SBI ने दी बैंक गारंटी
रिजर्व बैंक ने जांच में पाया है कि स्टेट बैंक और कई दूसरे सरकारी बैंकों ने स्टर्लिंग ग्रुप के लिए 1298 करोड़ रुपए की गारंटी दी थी.
बैंक गारंटी को स्टैंड बाय लेटर ऑफ क्रेडिट (SBLC) के तौर पर जारी किया गया था. (फोटो: PTI)
बैंक गारंटी को स्टैंड बाय लेटर ऑफ क्रेडिट (SBLC) के तौर पर जारी किया गया था. (फोटो: PTI)
लोन डिफॉल्टर को कोसने वाले बैंकों की खामियों का एक और सनसनीखेज मामले सामने आया है. स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों के कंसोर्शियम ने विलफुल डिफॉल्टर का ठप्पा लगने के बावजूद स्टर्लिंग ग्रुप की कंपनी को बैंक गारंटी दी थी. डीएनए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने जांच में पाया है कि स्टेट बैंक और कई दूसरे सरकारी बैंकों ने स्टर्लिंग ग्रुप के लिए 1298 करोड़ रुपए की गारंटी दी थी. बैंकों की ओर से दी गई इसी गारंटी के आधार पर विदेश से पैसे जुटाए जा रहे थे और फिर उन पैसों को वापस बैंकों को अदा किया जा रहा था. ताकि खातों को एनपीए की कैटेगरी में जाने से बचाया जा सके. बैंक गारंटी को स्टैंड बाय लेटर ऑफ क्रेडिट (SBLC) के तौर पर जारी किया गया था.
कहां हुआ बैंक गारंटी का इस्तेमाल
एसबीआई की अगुवाई में बैंकों ने स्टर्लिंग बायोटेक की सब्सिडियरी स्टर्लिंग ग्लोबल ऑयल रिसोर्सेज नाइजीरिया को सितंबर 2015 में ये 1298 करोड़ रु की बैंक गारंटी दी थी. बैंक गारंटी का इस्तेमाल तेल खोज और तेल उत्पादन के लिए पैसे जुटाने में किया जाना था. जबकि इससे आने वाला कैश फ्लो एक तरह से गिरवी रखा गया था. रिजर्व बैंक ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि बैंक गारंटी मंजूरी के इस मामले को स्टेट बैंक बोर्ड की जानकारी में लाया जाए. लेकिन, बैंक ने इसे दरकिनार कर दिया. तब SBI की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्या थीं. सवाल इस पर भी उठाया गया कि जब नाइजीरिया जैसा देश स्टेट बैंक की निगेटिव लिस्ट में था, तो फिर वहां निवेश के लिए किसी कंपनी को बैंक गारंटी क्यों दी गई.
प्रोमोटर्स के खिलाफ जांच जारी
हालांकि, DNA मनी के बार-बार पूछने पर भी सेंट्रल बैंक ने इस संबंध में भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए हैं. स्टर्लिंग बायोटेक के प्रोमोटर्स के खिलाफ एनफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट, इनकम टैक्स और CBI जैसी जांच एजेंसियां काम कर रही हैं. वहीं, आंध्रा बैंक ने ग्रुप की दो कंपनियों स्टर्लिंग बायोटेक और स्टर्लिंग SEZ के खिलाफ NCLT में इंसॉल्वेंसी का मामला दायर कर रखा है. स्टर्लिंग बायोटेक पर बैंकों के करीब 7500 करोड़ रुपए बाकी हैं. जबकि स्टर्लिंग SEZ पर करीब 8100 करोड़ रुपए का बकाया है.
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विलफुल डिफाल्टर के बाद भी दी बैंक गारंटी
- स्टर्लिंग ग्रुप की कंपनी को दी गई थी बैंक गारंटी.
- बैंकों ने 1298 करोड़ रु की बैंक गारंटी दी थी.
- RBI को शक कि बैंक गारंटी से पैसे घुमाए गए.
- बैंकों की गारंटी पर विदेश से लोन फिर भारत में अदायगी.
- खातों को NPA में जाने से बचाने के लिए की गई तिकड़म.
- बैंक गारंटी मंजूर करने के तरीके पर RBI ने सवाल उठाए थे.
- RBI ने कहा था कि मामला SBI बोर्ड के सामने लाया जाए.
- SBI बैंक गारंटी मामले को बोर्ड के सामने नहीं लाया.
- RBI की जांच रिपोर्ट के वक्त SBI चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्या थीं.
- निगेटिव लिस्ट में होने पर भी नाइजीरिया के लिए लोन पर सवाल.
07:52 PM IST