RBI और कोटक महिंद्रा बैंक के बीच इस बात पर रार, निवेशकों की बढ़ रही चिंता
लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों को पूरा करने के तौर-तरीके पर आरबीआई और बैंक के बीच मतभेद, आरबीआई को बैंकों पर नए शेयर जारी करने के लिये जोर देने की मांग
रिजर्व बैंक ने फिलहाल कोटक बैंक की इस योजना को मंजूर नहीं किया है.
रिजर्व बैंक ने फिलहाल कोटक बैंक की इस योजना को मंजूर नहीं किया है.
कोटक महिन्द्रा के प्रवर्तकों के लिये बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी को घटाकर 20 प्रतिशत पर लाने के रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के पालन की समयसीमा नजदीक आने के साथ ही लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों को पूरा करने के तौर-तरीके पर आरबीआई और बैंक के बीच मतभेदों को देखते हुए निवेशकों की चिंता बढ़ रही है. कुछ निवेशकों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों को पूरा करने के लिये आरबीआई को बैंकों पर नए शेयर जारी करने के लिये जोर देना चाहिये.
आरबीआई चार साल से कर रहा है यह
नये शेयर जारी करना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे दो उद्देश्यों की पूर्ति होती है. यह एक तरफ प्रवर्तकों के हितों के टकराव को रोकता है और दूसरी तरह बैंकों को अधिक संसाधन उपलब्ध कराता है, जो कि वृद्धि योजना को पूरा करने में उसकी मदद करते हैं. इससे पहले, आरबीआई ने चार साल पहले जारी नए बैंक लाइसेंस के दिशानिर्देशों केबैंक लाइसेंस तहत कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तकों को बैंक में अपनी हिस्सेदारी दिसंबर 2018 तक 20 प्रतिशत और मार्च 2020 तक घटाकर 15 प्रतिशत करने को कहा था.
कोटक ने हिस्सेदारी घटाई थी
कोटक महिंद्रा बैंक के प्रवर्तक और संस्थापक उदय कोटक ने अगस्त में चिरस्थायी गैर-संचयी तरजीही शेयर (पीएनसीपीएस) जारी कर बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 19.70 प्रतिशत कर ली थी. इससे पहले उनकी हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत थी. ये शेयर पात्र निवेशकों को जारी किये गए. रिजर्व बैंक ने फिलहाल कोटक बैंक की इस योजना को मंजूर नहीं किया है. बैंक इस मुद्दे पर रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर रहा है और अपनी योजना से अवगत करा रहा है. बहरहाल, रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुपालन की समयसीमा समाप्त होने में दो माह से भी कम का समय रह गया है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
मोर्गन स्टेनली के विश्लेषकों का मानना है कि इस स्थिति में तीन संभावित परिणाम हो सकते हैं -- पहला, रिजर्व बैंक पीएनसीपीएस के जरिये हिस्सेदारी में कटौती को मंजूरी दे, दूसरा, रिजर्व बैंक बैंकों में प्रर्वतकों की हिस्सेदारी को 20 प्रतिशत पर लाने की तय समयसीमा को आगे बढ़ाये और तीसरा, केन्द्रीय बैंक पीएनसीपीएस के जरिये हिस्सेदारी बिक्री को नामंजूर करे.
(इनपुट एजेंसी से)
04:03 PM IST