RBI ब्याज दरों को मोनेटरी पॉलिसी में रख सकता है स्थिर, खुदरा महंगाई को एक्सपर्ट बता रहे बड़ी वजह
RBI MPC Meet: आरबीआई की Monetary Policy Committee की तीन दिवसीय बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखने की संभावना है.
RBI की Monetary Policy Committee की तीन दिवसीय बैठक 4 से 6 अगस्त के बीच होनी है. (Source: PTI)
RBI की Monetary Policy Committee की तीन दिवसीय बैठक 4 से 6 अगस्त के बीच होनी है. (Source: PTI)
RBI MPC Meet: कोरोना वायरस की तीसरी लहर और खुदरा महंगाई के और बढ़ने की आशंका के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अपनी मौद्रिक नीति बैठक (Monetary Policy) में ब्याज दरों को यथास्थिति रखने की संभावना है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की तीन दिवसीय बैठक 4 से 6 अगस्त के बीच होनी है. 6 अगस्त को आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगी.
आरबीआई करेगी वेट एंड वॉच
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एक छह सदस्यों की टीम प्रमुख पॉलिसी रेट्स पर फैसला करेगी. इस पैनल ने मुद्रास्फीति की चिंताओं का हवाला देते हुए पिछली बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.
डेलॉइट इंडिया की इकोनॉमिस्ट रुमकी मजूमदार (Rumki Majumdar) ने कहा कि कुछ औद्योगिक देशों में मजबूत सुधार के बाद उच्च वस्तुओं की कीमतें उत्पादन लागत पर प्रभाव डाल सकती है. हम उम्मीद करते हैं आरबीआई वेट एंड वॉच मोड में होगा क्योंकि मौद्रिक नीतियों को संचालित करने के लिए सीमित गुंजाइश है.
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महंगाई का दबाव जल्द होगा कम
श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ उमेश रेवणकर ने भी कहा कि RBI उच्च मुद्रास्फीति (High Inflation) के बावजूद रेपो दर (Repo Rate) को मौजूदा स्तर पर बनाए रखेगा. रेवणकर ने कहा कि खुदरा मंहगाई का प्रमुख कारण ईंधन की कीमतों में वृद्धि है, जो कि कुछ समय में कम हो जाएगी और महंगाई का दबाव कम हो जाएगा.
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) में खुदरा महंगाई प्रमुख कारक है. रिजर्व बैंक ने (+/-2) फीसदी मार्जिन के साथ 4 फीसदी पर तय रखा है.
तय सीमा से ऊपर है खुदरा मुद्रास्फीति
जून-नवंबर 2020 के बीच मुद्रास्फीति अपने तय सीमा से ऊपर रही थी. फिर मई और जून 2021 में भी महंगाई दर अपने तय सीमा से ऊपर चली गई है.
जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.26 प्रतिशत रही थी और इससे पिछले महीने यह 6.3 प्रतिशत पर थी.
पीडब्ल्यूसी इंडिया (PwC India) में इकोनॉमिक एडवायजरी सर्विसेज लीडर रानेन बनर्जी (Ranen Banerjee) ने कहा कि अमेरिकी एफओएमसी तथा अन्य प्रमुख मॉनिटरी अथॉरिटी ने भी ब्याज दरों को यथास्थिति कायम रखा है. हम आरबीआई की एमपीसी में भी ब्याज दरों में किसी बदलाव नहीं होने की उम्मीद करते हैं.
बोफा ग्लोबल रिसर्च (BofA Global Research) की रिपोर्ट में कहा गया है कि RBI की मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) छह अगस्त की समीक्षा में ब्याज दरों को यथास्थिति को कायम रखेगी. हालांकि, एमपीसी द्वारा उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.1 प्रतिशत से बढ़ाया जा सकता है.
06:10 PM IST