ब्याज दर और घटने पर जानें RBI गवर्नर का क्या है कहना?, जानें ताजा हालात
गवर्नर ने कहा कि मेरा यह मानना है कि अगर महंगाई हमारी उम्मीदों के मुताबिक रहती हैं, तो आगे नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश होगी.
चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका है. (रॉयटर्स)
चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका है. (रॉयटर्स)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने कहा है कि नीतिगत दर यानी रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती की गुंजाइश है लेकिन इस दिशा में आगे कदम महंगाई के मोर्चे पर उभरती स्थिति पर डिपेंड करेगा जो फिलहाल केंद्रीय बैंक के संतोषजनक लेवल से ऊपर चल रही है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग के जारी ब्योरे के मुताबिक, गवर्नर ने कहा कि मेरा यह मानना है कि अगर महंगाई हमारी उम्मीदों के मुताबिक रहती हैं, तो आगे नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश होगी. इस गुंजाइश का उपयोग इकोनॉमी ग्रोथ में सुधार को मजबूती देने के लिये सोच-समझकर करने की जरूरत है.
आरबीआई ने नहीं घटाया था ब्याज
मौदिक्र नीति समिति ने इस महीने की 9 तारीख को हुई मीटिंग में खुदरा मुद्रास्फीति (महंगाई) में तेजी को देखते हुए नीतिगत दर को पूर्व स्तर पर ही बनाए रखने का फैसला किया. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि 2020-21 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों की स्थिति के बारे में संकेत देने वाले महत्वपूर्ण आंकड़ें (पीएमआई, निर्यात, बिजली खपत आदि) में सुधार के संकेत देते हैं.
कुछ अनिश्चितताएं अभी भी मौजूद
उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि, कुछ अनिश्चितताएं भी हैं. इसमें मुख्य तौर पर कोविड-19 के मामलों में फिर से बढ़ोतरी की आशंका है. घरेलू वित्तीय स्थिति में सुधार के बावजूद निजी निवेश गतिविधियां कमजोर रह सकती हैं. दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों और व्यापार में तेज गिरावट के बाद बाहरी डिमांड कम रहने की आशंका है.
जीडीपी कैसाा रहेगा
आरबीआई के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 9.5 प्रतिशत गिरावट की आशंका है. अगले साल इसमें सुधार की गुंजाइश लगती है. गवर्नर ने कहा कि महंगाई के ट्रेंड की बात करें तो खरीफ फसल और रबी मौसम बेहतर रहने से आने वाले समय में खाद्य वस्तुओं की महंगाई नरम रहनी चाहिए.
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रिजर्व बैंक के मुताबिक, सकल मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में नरम रहेगी. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें और कमी आने का अनुमान है. महंगाई दर जून से 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. सरकार ने आरबीआई को महंगाई दर 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.
11:32 PM IST