राहत : करेंट अकाउंट्स बंद होने का मंडरा रहा खतरा फिलहाल टला, RBI ने बढ़ा दी है समय सीमा
RBI ने सर्क्यूलर जारी कर बैंकों को आदेश दिया था कि ऐसे करेंट अकाउंट्स को बंद कर दिया जाए जिन्होंने दूसरे बैंकों से लोन लिया है. बैंक से कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट की सुविधा उसी अकाउंट धारक को दी जाए जिसमें उसका करेंट अकाउंट है.
RBI ने अपने उस सर्क्युलर की आखरी तिथि की मियाद को आगे बढ़ा दिया है जिसमें बैकों को बड़ी संख्या में अपने खाताधारकों के करेंट अकाउंट्स को बंद करने के निर्देश दिए गए थे. RBI के उस सर्क्यूलर से हजारों की संख्या में खाता धारकों पर बैंक अकाउंट्स फ्रीज़ किए जाने की तलवार लटक रही थी, जो अब टाइम लिमिट बढ़ जाने से राहत महसूस कर रहे हैं. RBI के इस आदेश से MSME सेक्टर के ऐसे व्यापारियों के अकाउंट्स फ्रीज होने का खतरा छा गया था जिनका लोन अमाउंट 5 करोड़ से ज्यादा है. 5 से 50 करोड़ के लोन के लेन देन वाले करेंट खाताधारकों पर इस आदेश का असर पड़ रहा था.
नई टाइम लिमिट 31 अक्टूबर 2021
बता दें कि RBI के एक निर्देष के बाद बैंकों ने ऐसे करेंट अकाउंट्स बंद करने शुरू कर दिए थे जिन्होंने दूसरे बैंकों से लोन ले रखा है. RBI ने बैंकों को ऐसे अकाउंट्स को बंद करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया था. लेकिन बैंकों से इस समय सीमा में बड़ी संख्या में अकाउंट बंद किए जाने पर असमर्थता जताई गई थी. IBA ने इस समय सीमा को बढ़ाने की मांग की थी. लिहाजा RBI ने अब इस समय सीमा को आगे बढ़ाते हुए 31 अक्टूबर 2021 कर दिया है.
RBI का मकसद कैश फ्लो पर नजर रखना
दरअसल इस नियम का मकसद कैश फ्लो पर नजर रखना और फंड्स की हेराफेरी पर लगाम कसना है. RBI ने पाया कि मौजूदा गाइडलाइंस और जुर्माने के प्रावधानों के बावजूद लोन लेने वाले कई बैंकों में करेंट अकाउंट खुलवाकर फंड्स की हेराफेरी कर रहे थे. इस आदेश के आने के बाद से बैंक के करेंट अकाउंट धारकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा था.
आदेश से क्या थी परेशानी
RBI के सर्क्यूलर के आधार बंद किए गए खाताधारकों की ओर से इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि ये कार्रवाई बैंक बिना नोटिस या बहुत कम समय देकर खातों को बंद कर रहे थे. समय पर बैंक के नोटिस के आधार पर जवाब न देने पर खाते फ्रीज किए जाने से खाताधारकों को परेशानी उठानी पड़ रही थी. इसकी शिकायतें ग्राहक बैंकों से लगातार कर रहे थे. इस आदेश से बंद किए खाताधारकों में छोटे कारोबारियों की तादाद ज्यादा है. लिहाजा उसी सेगमेंट से इस आदेश का विरोध ज्यादा होता दिखाई दे रहा है.
IBA सुलझाएगा बैंकों की समस्याएं
बताया जाता है कि ऐसे अकाउंट्स लाखों की संख्या में हैं. जिसे दी गई समय सीमा में बंद करना बैंकों के लिए मुश्किल था. बैंक इस समय सीमा में इसे लागू करने में असमर्थ होने की बात IBA के माध्यम से RBI से बताई थी. बैंकों की दिक्कतों को देखते हुए RBI ने इसलिए इस मियाद को आगे बढ़ा दिया. साथ ही इस निर्णय के पीछे खाता धारकों को हो रही दिक्कतों को कम करना भी है.
निर्देश में कहा गया है कि अगर दी गई मियाद के भीतर बैंको को ऐसे अकाउंट्स बंद करने में कोई परेशानी हो रही है तो उसे हल करने की जिम्मेदारी IBA की होगी. अगर IBA को भी दिक्कत पेश आती है तो IBA उसे RBI को बताएगा. साथ ही ये बैंक को देखने के लिए छोड़ा गया है कि हेड ऑफिस, रीजनल, जोनल स्तर पर ग्राहकों को परेशानी न हो
क्या था नियम
कैश फ्लो पर नजर रखने के इरादे से RBI ने एक सर्क्यूलर जारी कर रहा था कि जिस बैंक से कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट सुविधा दी जा रही है उसी बैंक में लोन लेनेवाले का करेंट अकाउंट होना चाहिए. इसी तरह लोन लिमिट अगर 50 करोड़ रुपए से ऊपर होने पर लोन देने वाले बैंक में ही करेंट अकाउंट होना जरूरी है. दरअसल इसके तरह के आदेश के पीछे RBI का वह नियम है जिसमें कहा गया है कि दूसरे बैंक ऐसे लोन के लिए गारंटी नहीं दें सकेंगे. लिहाजा 5 से लेकर 50 करोड़ रुपए तक के लोन उसी बैंक में संभव है जहां करेंट अकाउंट हो. ऐसे लोन लेनेवाले को दूसरे बैकों में बस एस्क्रो अकाउंट ही खोलने की इजाजत दी गई थी. हालांकि इस आदेश का असर उन करेंट अकाउंट धारकों पर नहीं पड़ेगा जिनका बैंकिंग सिस्टम से लोन 5 करोड़ या उससे कम है.
08:55 PM IST