how to set transaction limits on cards: खर्च करने की कोई लिमिट नहीं होती. यह आपके इनकम पर निर्भर करता है. लेकिन खर्च और रिस्क के बीच संतुलन भी जरूरी है. आरबीआई की सलाह है कि आप बैंक कार्ड चाहे वह डेबिट कार्ड (debit card), क्रेडिट कार्ड (credit card) हो या कोई अन्य कार्ड क्यों न इस्तेमाल करते हों, जोखिम को कम करने के लिए कार्ड की ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर देनी चाहिए. इसके कई तरीके हैं.
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डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन लिमिट
आरबीआई का कहना है कि अपने कार्ड की डोमेस्टिक और इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन लिमिट आप PoS, ATM या ऑनलाइन कर सकते हैं. (pixabay)
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ये भी हो सकते हैं लिमिट तय करके का जरिया
आप यह लिमिट मोबाइल एप्लीकेशन, इंटरनेट बैंकिंग या इंटरेक्टिव वॉयस रिकॉग्निशन यानी आईवीआर के जरिए 24X7 तय करा सकते हैं. (pixabay)
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किसी बदलाव पर किया जाएगा अलर्ट
अगर आपके कार्ड के लिमिट स्टेटस में कोई भी बदलाव होता है तो इसकी जानकारी आपको SMS या e-mail के जरिये दी जाएगी. (pixabay)
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लिमिट सेट करने के बाद कभी भी कर सकते हैं बदलाव
आरबीआई कहता है ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, मान लिया एक बार अगर आपने अपने कार्ड की ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर दी तो इसके बाद इसे आप जब चाहें मोडिफाई कर सकते हैं. (pixabay)
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क्रेडिट कार्ड पर बैंक लिमिट बढ़ाने का देते हैं ऑफर
अगर आप क्रेडिट कार्ड या प्री पेड कार्ड इस्तेमाल करते हैं तो बैंक समय-समय पर आपकी ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाने का ऑफर देते हैं. लेकिन जानकारों का कहना है कि आपको अपनी लिमिट पता होनी चाहिए और ऐसे ऑफर के चक्कर में नहीं रहना चाहिए. (pixabay)
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