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बैंक ने घोषित कर दिया डिफॉल्टर तो क्या खत्म हो गया सबकुछ? Loan Default से जुड़े ये नियम आधा इंडिया नहीं जानता
Written By: सुचिता मिश्रा
Wed, Jun 18, 2025 07:50 AM IST
आजकल मकान खरीदने के लिए अक्सर लोग होम लोन (Home Loan) लेते हैं. लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते हैं कि हर महीने होम लोन की भारी-भरकम किस्त (EMI) देना मुश्किल पड़ने लगता है. अगर आप लगातार 3 EMI बाउंस करते हैं तो बैंक लोन अकाउंट को NPA मान लेता है और उधारकर्ता को डिफॉल्टर घोषित कर देता है. लेकिन क्या डिफॉल्टर घोषित होने के साथ ही सबकुछ खत्म हो जाता है? Loan Default से जुड़े बैंक के नियम को तमाम लोग नहीं जानते. यहां जानिए इस बारे में.
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चाहे तो सबकुछ ठीक कर सकता है डिफॉल्टर

लोन डिफॉल्टर (Loan Defaulter) घोषित होने के बाद उधारकर्ता को सबसे बड़ा डर होता है कि कहीं बैंक उनके सपनों के घर को नीलाम न कर दे. ये डर जायज भी है, क्योंकि बैंक के पास वसूली के लिए नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार होता है. लेकिन डिफॉल्टर बनने के बाद भी उधारकर्ता के पास सबकुछ ठीक करने का मौका होता है. SBI के मुताबिक उधारकर्ता को डिफॉल्ट के बाद स्थिति को संभालने के लिए लगभग 6-7 महीने का समय मिलता है. नीचे की स्लाइड्स में जानिए वो तरीके जिनसे डिफॉल्टर सबकुछ फिर से सामान्य कर सकता है.
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पहला तरीका

बैंक से ग्रेस पीरियड मांगें. आरबीआई के नियमों के तहत, बैंक कुछ नियमों और शर्तों के साथ आपको 6 महीने की मोहलत दे सकते हैं. इसके अलावा आप अपने लोन को फिर से रीस्ट्रक्चर करने पर भी विचार कर सकते हैं. रीस्ट्रक्चर कराते समय आप बैंक को प्रस्ताव दे सकते हैं कि मौजूदा समय में ईएमआई को कम किया जाए और बाद में बडी किस्तें (बैलून पेमेंट्स) दी जाएं. अगर आप पारदर्शी रहेंगे तो बैंक आपको समस्या के समाधान के लिए नए रास्ते भी दे सकते हैं.
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दूसरा तरीका

दूसरा तरीका ये है कि आप आप अपने कुछ निवेशों को भुना सकते हैं या फिर अपने पीएफ बैलेंस का इस्तेमाल करके अंतरिम बकाया चुकाने के लिए कर सकते हैं और फिर सामान्य स्थिति में वापस आ सकते हैं. हालांकि इस फैसले से आपकी दीर्घकालिक वित्तीय योजनाओं पर असर पड़ सकता है, लेकिन इससे आप मौजूदा हालात सुधारने में मदद मिलेगी. आप बाद में अपनी बचत फिर से कर सकते हैं.
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तीसरा तरीका

तीसरा तरीका है कि आप अपनी संपत्तियों जैसे सोना, प्रॉपर्टी या बीमा पॉलिसी वगैरह के बदले लोन ले सकते हैं.इन लोन पर ब्याज दरें आमतौर पर वाजिब होती हैं, जैसे ही आपके हालात सुधरें, आप इन लोन को चुका सकते हैं. इससे न केवल आपका होम लोन डिफॉल्ट होने से बचेगा, बल्कि आपका घर भी बैंक के कब्जे में जाने से सुरक्षित रहेगा.
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लोन डिफॉल्टर बनने के नुकसान

SBI के मुताबिक होम लोन डिफॉल्ट का आपके सिबिल स्कोर और क्रेडिट स्टैंडिंग पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है, इससे भविष्य में आपके लिए लोन लेना मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा घर खोने या रिकवरी एजेंट्स से निपटने का तनाव मानसिक रूप से बहुत परेशान कर सकता है. ऐसे में लोन डिफॉल्ट से बचने का हर संभव प्रयास करना बेहतर है.
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अगर मैं डिफॉल्टर बन गया, तो क्या मेरा सिबिल स्कोर कभी ठीक नहीं होगा?

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