बदलने वाला है इस बड़े बैंक का नाम, अगर आपका भी है यहां खाता तो जानें क्या होगा असर
इसे प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी मिल चुकी है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से मंजूरी की प्रतीक्षा है.
आईडीएफसी बैंक ने अपना नाम बदलकर ‘आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड’करने का प्रस्ताव किया है. बैंक अपनी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी कैपिटल फर्स्ट को खुद के साथ मिलाने की प्रक्रिया में है. बैंक ने शेयर बाजार को गुरुवार को बताया कि उसके निदेशक मंडल ने बुधवार को हुई बैठक में रिजर्व बैंक से नाम बदलने की मंजूरी मांगने का फैसला किया है. बैंक का नाम बदलकर ‘आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड’करने का प्रस्ताव है.
बैंक ने कहा, ‘‘नाम बदलने के लिए इसके बाद विधायी एवं नियामकीय प्राधिकरणों, कंपनियों के रजिस्ट्रार, शेयरधारकों तथा अन्य संबंधित पक्षों की मंजूरी की भी जरूरत होगी.’’बैंक ने कहा है कि कैपिटल फर्स्ट को आईडीएफसी बैंक के साथ मिलाने का काम अब काफी आगे बढ़ चुका है. इसे प्रतिस्पर्धा आयोग की मंजूरी मिल चुकी है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से मंजूरी की प्रतीक्षा है.
वर्ष 2015 में शुरू हुआ है यह बैंक
निजी क्षेत्र के आईडीएफसी बैंक की शुरुआत वर्ष 1 अक्टूबर 2015 में हुई थी. इसी समय एक और निजी क्षेत्र के बंधन बैंक की भी शुरुआत हुई थी. शुरुआत में तब आईडीएफसी बैंक ने 23 शाखाओं के साथ अपना कारोबार शुरू किया. इनमें से 15 शाखा मध्य प्रदेश में खुले थे. शुरूआत के समय में बैंक ने 1200 कर्मचारियों के साथ कारोबार शुरू किया था.
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नाम बदलने का ग्राहकों पर असर कितना
बैंकिंग क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि जब भी किसी बैंक का नाम बदलता है तो इसमें ग्राहकों पर इसका असर नहीं होता है. हां, बैंक इसकी सूचना अपने ग्राहकों को जरूर देता है. यह सूचना मैसेज, ई-मेल या फोन कॉल के माध्यम से दी जा सकती है. नए नाम वाले पासबुक या चेकबुक आदि बैंक अपनी तरफ से खुद ही जारी करते हैं.
(इनपुट एजेंसी से)
03:05 PM IST