Bank Privatisation 2021: इन चार सरकारी बैंकों का होगा प्राइवेटाइजेशन! सरकार ने किया शॉर्टलिस्ट
Government bank Privatisation 2021: इन चार में से दो बैंकों को वित्तीय वर्ष 2021-22 जो अप्रैल में शुरू हो रहा है, में सेल के लिए रखा जाएगा.
सरकार देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में अपनी मेजोरिटी स्टेक बनाए रखेगी. (PTI)
सरकार देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में अपनी मेजोरिटी स्टेक बनाए रखेगी. (PTI)
Government bank Privatisation 2021: भारत सरकार ने आने वाले समय में देश के चार सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन (Privatisation of public sector banks)को लेकर एक्टिव है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने देश के चार सरकारी बैंकों-बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) को प्राइवेटाइजेशन के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया है. रॉयटर्स की खबर के मुकाबिक, दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते 1 फरवरी को आम बजट में सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव को घोषणा की थी.
दो बैंकों को सेल के लिए पहले रखा जाएगा (Two banks to be placed first for sale)
खबर के मुताबिक, इन चार में से दो बैंकों को वित्तीय वर्ष 2021-22 जो अप्रैल में शुरू हो रहा है, में सेल के लिए रखा जाएगा. हालांकि अधिकारियों ने इन दोनों बैंकों का नाम नहीं बताया. सरकार पहले राउंड में मिड साइज से छोटे साइज के बैंकों को पहले प्रक्रिया में रख रही है. आने वाले वर्षों में इसके बाद देश के कुछ बड़े बैंकों की बारी आएगी. हालांकि सरकार देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में अपनी मेजोरिटी स्टेक बनाए रखेगी. इसे स्ट्रैटेजिक बैंक के तौर पर रखेगी, ताकि रूरल क्रेडिट का अनुपालन करने में मदद मिले.
बैंकों के हैं इतने कर्मचारी (Employees of these 4 banks)
खबर के मुताबिक, हालांकि वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में कुछ भी कहने या प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महामारी के चलते भारत पर आर्थिक सिकुड़न का असर हुआ है. बैंक यूनियनों के अनुमान के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया में करीब 50,000 कर्मचारी हैं और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 33,000 कर्मचारी हैं, जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक में 26,000 कर्मचारी हैं और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में लगभग 13,000 कर्मचारी हैं.
श्रमिकों ने किया है विरोध (Workers have protested)
सूत्रों ने कहा कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के छोटे कर्मचारियों का निजीकरण करना आसान हो सकता है और इसलिए संभावित रूप से इसे सबसे पहले बेचा जा सकता है. सोमवार को श्रमिकों ने बैंकों के निजीकरण और बीमा और दूसरी कंपनियों में स्टेक बेचने के सरकार के कदम के विरोध में दो दिनों की हड़ताल शुरू की.
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01:25 PM IST