नवंबर के एक पखवाड़े में बैंकों में जमा हुए रिकॉर्ड पैसे, 24 साल में पांचवी सबसे बड़ी पाक्षिक बढ़ोतरी
Bank deposit latest report: इसकी वजह आईपीओ (IPO) में जबरदस्त तेजी और उसके बाद के हफ्तों में खराब प्रदर्शन हो सकता है.
यह साल 1997 के बाद से पिछले 24 सालों में किसी भी पखवाड़े में हुई पांचवीं सबसे बड़ी तेजी है. (PTI)
यह साल 1997 के बाद से पिछले 24 सालों में किसी भी पखवाड़े में हुई पांचवीं सबसे बड़ी तेजी है. (PTI)
Bank deposit latest report: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 नवंबर 2021 को खत्म हुए पखवाड़े (15 दिन) में बैंकों में जमा राशि (bank deposits in one fortnight of November 2021) में 3.3 लाख करोड़ रुपये की भारी बढ़ोतरी और उसके अगले पखवाड़े में 2.7 लाख करोड़ रुपये की बड़ी गिरावट आई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसकी वजह आईपीओ (IPO) में जबरदस्त तेजी और उसके बाद के हफ्तों में खराब प्रदर्शन हो सकता है.
पिछले 24 सालों में पांचवीं सबसे बड़ी पाक्षिक तेजी
खबर के मुताबिक, 3.3 लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ पिछले 24 सालों में पांचवीं सबसे बड़ी पाक्षिक तेजी थी. एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिवाली सप्ताह के दौरान इतनी बड़ी डिपोजिट ग्रोथ कभी नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि हमेशा मुद्रा रिसाव होता है और सहवर्ती जमा (concomitant deposit) में गिरावट होती है. यह साल 1997 के बाद से पिछले 24 सालों में किसी भी पखवाड़े में हुई पांचवीं सबसे बड़ी तेजी है. 19 नवंबर को खत्म हुए पखवाड़े में जमा राशि में 2.69 लाख करोड़ रुपये की गिरावट भी 1997 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है.
इतनी बड़ी तेजी सिर्फ कुछ ही बार हुई है
बैंकों की जमा राशि में इतनी बड़ी तेजी सिर्फ कुछ ही बार हुई है. 25 नवंबर, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में नोटबंदी के बाद 4.16 लाख करोड़ रुपये जमा किए गए थे. इसके अलावा 26 सितंबर, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.55 लाख करोड़ रुपये, 29 मार्च 2019 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.46 लाख करोड़ रुपये की ग्रोथ हुई थी जबकि 1 अप्रैल, 2016 को खत्म हुए पखवाड़े में 3.41 लाख करोड़ रुपये डाले गए थे.
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नवंबर 2016 में जमा राशि में बढ़ोतरी नोटबंदी के चलते थी
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने शुक्रवार को एक नोट में कहा कि नवंबर 2016 में जमा राशि में हुई वृद्धि नोटबंदी के कारण थी. उसी साल मार्च एवं अप्रैल में हुई पाक्षिक वृद्धि के लिए मौसमी उछाल को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
01:08 AM IST