राज्यसभा में पास हुआ बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक-2020, जानें वित्त मंत्री ने क्या कहा
वित्त मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से सरकार संकट से जूझ रहे सहकारी बैंक को फौरन वित्तीय मदद मुहैया करा सकती है.
वित्त मंत्री ने कहा कि 277 सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है.
वित्त मंत्री ने कहा कि 277 सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है.
पिछले सप्ताह लोक सभा में पारित होने के बाद बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 के आज राज्यसभा के पटल पर रखा गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिल के पक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए. बाद में राज्यसभा के उप-सभापति ने बिल पर वहां मौजूद सभी सदस्यों के मत लेते हुए इसे पारित कर दिया.
बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा के पटल पर पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़-दो सालों में हमने देखा है कि बहुत सारे सहकारी बैंक और बैंकिंग का कार्य करने वाली सहकारी संस्थानाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
वित्त मंत्री ने बैंकिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक के महत्व पर बताया कि यह विधेयक पूरी तरह से खाताधारकों की सुरक्षा करता है. यह विधेयक बैंक के खाताधारकों को यह आश्वासन देता है कि किसी भा हालात में उनका कोई भी नुकसान नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने महाराष्ट्र के पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी बैंक- PMC Bank) और कर्नाटक बेंगलुरु के श्री गुरु राघवेंद्र को-ऑपरेटिव बैंक का उल्लेख करते हुए कहा कि इन समेत देश के कई सहकारी बैंकों के मुश्किल हालातों से लोग रू-ब-रू हुए हैं.
उन्होंने कहा कि हम इस बिल के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि देश के सभी सहकारी बैंकों का प्रोफेशनल प्रबंधन और संचालन हो. अगर जरूरत पड़ी तो सरकार संकट से जूझ रहे सहकारी बैंक का पुनर्गठन भी करेगी. और पुनर्गठन भी बिना किसी वित्तीय रोक (moratorium) के किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस संशोधन के माध्यम से सरकार संकट से जूझ रहे सहकारी बैंक को फौरन वित्तीय मदद मुहैया करा सकती है.
निर्मला सीतारमण ने यस के पुनर्गठन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने महज 2 हफ्ते के भीतर यस बैंक पर आए संकट को दूर करके खाताधारकों को सुरक्षा देने का काम किया. क्योंकि यह बैंक कॉमर्शियल बैंकों के नियम के तहत काम करता है. जबकि पीएमसी बैंक का हम अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाल पाए हैं.
उन्होंने कहा कि कॉमर्शियल बैंकों के नियम सहकारी बैंकों पर लागू नहीं होंगे. उन्होंने सहाकारी समितियों और सहकारी बैंकों को अलग-अलग करते हुए कहा कि यह विधेयक सिर्फ उन्हीं सहकारी समितियों पर लागू होगा जो बैंक के रूप में कार्य करती हैं. अन्य कामों में लगी समितियों पर यह विधेयक लागू नहीं होगा.
उन्होंने साफ कहा कि यह विधेयक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (primary agricultural credit society) पर लागू नहीं होगा. साथ ही यह विधेयक राज्य सहकारी कानूनों को भी किसी तरह से प्रभावित नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों के गठन और उनकी चुनावी प्रक्रिया पर इस बिल का कोई प्रभाव नहीं होगा.
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सहकारी बैंकों की स्थिति अच्छी नहीं
उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में लाने के लिए बैंकिंग विनियमन कानून में संशोधन के जरिये सरकार का लक्ष्य इनके कामकाज में सुधार लाना है. इन बदलावों से जमाकर्ताओं का पैसा भी सुरक्षित रहेगा.
उन्होंने कहा कि 277 सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है. 152 कोऑपरेटिव बैंक मिनिमम रेग्युलेटरी कैपिटल को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि 328 शहरी सहकारी बैंकों का एनपीए अनुपात 15 फीसदी से ज्यादा है.
03:06 PM IST