देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक 1 अप्रैल से देगा ग्राहकों को बेहतर सेवाएं
सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बड़े बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय से बनाने वाला नया बैंक एक अप्रैल से काम करना शुरु कर देगा.
1 अप्रैल से काम करने लगेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक
1 अप्रैल से काम करने लगेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक
नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बड़े बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय से बनाने वाला नया बैंक एक अप्रैल से काम करना शुरु कर देगा. सूत्रों के अनुसार तीनों बैंकों को विलय प्रक्रिया को तय सीमा में निपटाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं वित्त वर्ष 2018-19 के अंत तक सभी जरूरी नियामकीय प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद की जा रही है. इन बैंकों के विलय के बाद ये बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. तीनों बैंकों को मिलाए जाने के बाद बनने वाले बैंक की क्षमता काफी अधिक होगी और ग्राहकों के लिए कई आकर्षक स्कीमें भी ला सकेगा.
विलय की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के दिए निर्देश
सरकार ने सोमवार को तीन सरकारी बैंकों -देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा- को मिलाकर एक नया बैंक बनाने की घोषणा की है, इन तीनों बैंकों के मिल जाने के बाद बनने वाले नए बैंक का कुल कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर से इन बैंकों के विलय की घोषणा की गई थी. उन्होंने बताया कि सरकार ने तीनों बैंकों के निदेशक मंडल को इस प्रस्ताव पर विचार करने जल्द प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
एसबीआई दुनिया के 50 बड़े बैंकों में हुआ शामिल
बता दें कि पिछले साल सरकार ने देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक में उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था. इसके बाद स्टेट बैंक दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया. पिछले डेढ़ साल में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के इस दावे को खारिज किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को पूरा होने के वक्त फंसा हुआ कर्ज (एनपीए) 2.5 लाख करोड़ रुपए का था. उन्होंने कहा कि वास्तविकता में यह 8.5 लाख करोड़ रुपए था.
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तीनों बैंकों के विलय को ले कर इसी महीने होगी बैठक
खबरों के अनुसार तीनों बैंकों के विलय को ले कर बैंकों के निदेशक मंडलों की इसी माह बैठकें होंगी, जिसमें एकीकरण की योजना बनाई जाएंगी. इसी बैठक में बैंकों के निदेशक मंडल शेयर अदला-बदली अनुपात और प्रवर्तकों की तरफ से पूंजी की आवश्यकता समेत विभिन्न मुद्दों पर बात करेंगे. जब तक तीनों बैंकों के विलय की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है तब तक तीनों बैंक स्वतंत्र रूप से पहले की तरह से ही काम करते रहेंगे. विलय के बाद बने बैंक के नाम पर विलय के दौरान विचार किया जाएगा.
09:40 AM IST