स्टेट बैंक में पकड़ में आया बड़ा फ्रॉड, जानिए कैसे बचें ऐसी धोखाधड़ी से
स्टेट बैंक ऑफ मॉरिशस (एसबीएम) की मुंबई शाखा में हैकर्स ने बैंक के खातों से लगभग 143 करोड़ रुपये की ठगी की है.
एसबीएम की नरीमन प्वॉइन्ट शाखा में हुआ फ्रॉड. (फाइल फोटो)
एसबीएम की नरीमन प्वॉइन्ट शाखा में हुआ फ्रॉड. (फाइल फोटो)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बाद अब स्टेट बैंक ऑफ मॉरिशस (एसबीएम) की मुंबई शाखा में हैकर्स ने बैंक के खातों से लगभग 143 करोड़ रुपये की ठगी की है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओडब्ल्यू) में दर्ज बैंक की शिकायत के अनुसार, घटना एसबीएम की नरीमन प्वॉइन्ट शाखा में हुई. बैंक के सर्वर को हैक कर खातों से पैसे उड़ा लिए गए.
इससे पहले यह खबर आई थी कि एसबीआई में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान कुल 5,555.48 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 1,329 मामले सामने आये. मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया था कि सूचना के अधिकार के तहत उन्हें यह जानकारी मिली.
उन्होंने अपनी आरटीआई अर्जी पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से भेजे गए जवाब के हवाले से बताया कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बैंक में कुल 723.06 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी के 669 मामले सामने आये.
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एसबीआई में जारी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कुल 4832.42 करोड़ रुपये की बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित 660 प्रकरण प्रकाश में आये. गौड़ ने अपनी आरटीआई अर्जी में एसबीआई से यह भी पूछा था कि आलोच्य अवधि के दौरान बैंकिंग धोखाधड़ी से खुद बैंक को कितना वित्तीय नुकसान हुआ. इस पर बैंक ने जवाब दिया कि इस नुकसान की रकम का परिमाण तय नहीं किया जा सकता.
आरटीआई कार्यकर्ता ने एसबीआई से यह भी जानना चाहा था कि आलोच्य अवधि में उसके कितने ग्राहक बैंकिंग धोखाधड़ी के शिकार हुए और इस वजह से उन्हें कितनी रकम गंवानी पड़ी. हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने संबंधित प्रश्न पर कहा कि चूंकि इस तरह की जानकारी उसके द्वारा सामान्य तौर पर इकट्ठी नहीं की जाती. इसलिए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के सम्बद्ध प्रावधानों के तहत उसे इसके खुलासे से छूट प्राप्त है.
इनपुट एजेंसी से
01:36 PM IST