Air India प्रमुख ने कहा- डोमेस्टिक एयरलाइन इंडस्ट्री हेल्दी नहीं, विदेशी एयरलाइन ने उठाया ज्यादा फायदा
एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि डोमेस्टिक एयरलाइन इंडस्ट्री हेल्दी नहीं है. विदेशी एयरलाइन कंपनियां उभरते भारतीय बाजार का बेहतर फायदा उठा रही हैं.
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एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन का मानना है कि भारत और अधिक गंतव्यों के लिए सीधी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का हकदार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि घरेलू एयरलाइन उद्योग ‘स्वस्थ’ नहीं है जिसकी वजह से काफी हद तक भारत अपनी स्थिति को कायम नहीं रख सका है. विल्सन एयर इंडिया की विस्तार योजनाओं की अगुवाई कर रहे हैं. बेड़े के साथ-साथ एयरलाइन मार्गों का भी विस्तार कर रही है.
मुनाफे वाला बाजार बनाने में मदद मिलेगी
उन्होंने कहा कि इंडिगो अच्छी तरह से सफल हो रही है और टाटा की एयरलाइंस का एक साथ आना इंडिगो की ताकत के लिए एक अच्छा प्रतियोगिता प्रदान करता है. एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक विल्सन ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि इससे एक टिकाऊ और मुनाफे वाला बाजार बनाने में मदद मिलेगी. इससे एयरलाइंस नए उत्पादों में निवेश करेंगी, नेटवर्क का विस्तार करेंगी और भारत को विश्व विमानन मंच पर अपना स्थान हासिल करने में मदद मिलेगी.’’
टाटा ग्रुप के पास फिलहाल चार एयरलाइन
टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में सरकार से एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का अधिग्रहण किया था. वर्तमान में समूह के पास चार एयरलाइन कंपनियां…एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया) और विस्तार (सिंगापुर एयरलाइंस के साथ संयुक्त उद्यम) हैं.
गो फर्स्ट को लेकर कही ये बात
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समूह एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट और विस्तार का एयर इंडिया के साथ विलय करने की प्रक्रिया में भी है. गो फर्स्ट के संकट के बारे में पूछे जाने पर विल्सन ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. नकदी संकट से जूझ रही किफायती सेवा कंपनी गो फर्स्ट की उड़ानें तीन मई से बंद हैं. फिलहाल एयरलाइन स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया है. एयर इंडिया के सीईओ और प्रबंध निदेशक ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि देश में कोई एयरलाइन विफल हुई है और मुझे लगता है कि यह उद्योग की ऐसी संरचना को रेखांकित करता है जो एक स्वस्थ, जीवंत, लाभदायक उद्योग के अनुकूल नहीं है.’’
विदेशी कंपनियों ने उठाया ज्यादा फायदा
उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ घरेलू एयरलाइन उद्योग नहीं होने के चलते भारत कुछ मामलों में अपनी नियति को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं रहा है. भारत में आने वाली कुछ विदेशी एयरलाइंस ने भारतीय विमानन कंपनियों की तुलना में बढ़ते भारतीय बाजार का अधिक लाभ उठाया है. विल्सन ने कहा कि हम विमानों, उत्पादों, लोगों और प्रणालियों में निवेश जारी रखेंगे. ‘‘हमारी एक उल्लेखनीय आकार की पेशेवर तरीके से संचालित उच्च गुणवत्ता की एयरलाइन होगी.’’
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