नई गाड़ी के लिए बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेना अभी जरूरी नहीं, मद्रास हाई कोर्ट अपने ऑर्डर में करेगा बदलाव
मद्रास हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान साफ किया कि उनका मकसद सिर्फ पैसेंजर की सुरक्षा है. कोर्ट 4 अगस्त के अपने ऑर्डर के अंदर बदलाव करेगा.
(File image)
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नई गाड़ी खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर है. मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) का नई गाड़ी खरीदने पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस (bumper to bumper insurance) का आर्डर अभी जरूरी नहीं होगा. जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के संगठन, ऑटो कंपनियां , इंश्योरेंस एजेंट्स के संगठन की दलीलों को मानते हुए मद्रास हाई कोर्ट 4 अगस्त के अपने ऑर्डर के अंदर बदलाव करेगा और 5 साल के लिए एक साथ इंश्योरेंस जरूरी शर्त को हटाएगा.
हाई कोर्ट ने 13 सितंबर की सुनवाई के दौरान साफ किया कि उनका मकसद सिर्फ पैसेंजर की सुरक्षा है बाकी कोई पोर्ट का उद्देश्य नहीं है. हाई कोर्ट ने अपने ऑब्जरवेशन में कहा कि पुराने ऑर्डर में कोर्ट के सुझावों को शामिल किया जाएगा और जरूरी करने जैसे नियम को कानून बनाने वाली संसद पर छोड़ा जाएगा.
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ऑटो कंपनियों ने किया था विरोध
नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल तक जरूरी बंपर टू बंपर इंश्योरेंस लेने पर गाड़ियों की कीमत 50,000 रुपये से लेकर 2,00,000 रुपये तक बढ़ रही थी. इसका विरोध ऑटो कंपनियां ने भी किया था. अब हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव के बाद नई गाड़ी खरीदने वाले को राहत मिलेगी. उन पर इंश्योरेंस का बड़ा भार नहीं पड़ेगा. हाई कोर्ट की ओर से अगस्त के ऑर्डर को मोडिफाइड किया जाएगा.
1 सितंबर को मांगे थे सुझाव
बंपर टू बंपर इंश्योरेंस नियम लागू करने की चुनौती पर 1 सितंबर को कोर्ट ने सुझाव मांगे थे. ऑटो कंपनियां , इरडा समेत कई संगठनों ने मद्रास हाई कोर्ट को सुझाव दिए थे. अगस्त में नई गाड़ी की खरीद पर 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस का आर्डर पास किया गया था. एक साथ 5 साल के इंश्योरेंस को लागू करना चुनौतीपूर्ण था. 5 साल के इंश्योरेंस प्रीमियम नई गाड़ी की खरीद महंगी हो जाती.
07:14 PM IST