मानसून में कार इंश्योरेंस लेना जरूरी! यहां जानें बाढ़ में डूबी गाड़ी को कौन-कौन से ऐड-ऑन लेने चाहिए
Car Insurance in Monsoon: कार इंश्योरेंस कवर खरीदते समय, एक स्टैंडर्ड कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ, जीरो डेप्रिसिएशन और इंजन प्रोटेक्शन कवर जैसे ऐड-ऑन कवर को भी शामिल करना महत्वपूर्ण है.
Car Insurance in Monsoon: मानसून के दौरान कार का खास ख्याल रखना होता है. भारी बारिश में कई बार कार में पानी भर जाता है, जिससे इंजन समेत कई पार्ट्स के खराब होने की संभावनाएं रहती हैं. ऐसे में मानसून (Monsoon) के दौरान अपनी कार की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कार इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए. अब कार में कई पार्ट्स होते हैं, जहां खराबी आ सकती है तो ऐसे में किस तरह का कार इंश्योरंस (Car Insurance) लेना चाहिए और कौन-कौन से पहलुओं को शामिल करना चाहिए, इसकी जानकारी जरूर होनी चाहिए. पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के बिजनेस हेड (मोटर इंश्योरेंस) नितिन कुमार का कहना है कि कार इंश्योरेंस कवर खरीदते समय, एक स्टैंडर्ड कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ, जीरो डेप्रिसिएशन और इंजन प्रोटेक्शन कवर जैसे ऐड-ऑन कवर को भी शामिल करना महत्वपूर्ण है.
कार मालिकों को हो रहा नुकसान
बता दें कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश हो रही है. इसकी वजह से जलभराव, भूस्खलन और सड़कें धंसने जैसी कई घटनाएं भी सामने आ रही हैं. शहरी इलाकों सहित कई इलाके आंशिक रूप से पानी में डूबे हुए हैं, जिससे घरों, कारों और दोपहिया वाहनों को काफी नुकसान हो रहा है. कार मालिकों के लिए, जिनके वाहन बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उनके लिए कार की मरम्मत कराने का खर्चा काफी ज्यादा हो सकता है. हालांकि एक सही इंश्योरेंस कवरेज के साथ व्यक्ति लागत का महत्वपूर्ण हिस्सा प्राप्त कर सकता है.
बाढ़ से कार को होने वाला नुकसान
बाढ़ से क्षतिग्रस्त कारों में इंजन की विफलता, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नुकसान, जंग और गंध जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. पानी के बहुत ज्यादा संपर्क में आने की वजह से गियरबॉक्स में भी खराबी आ सकती है. जब पानी किसी पार्क किए गए वाहन में प्रवेश करता है, तो यह कार के इंटीरियर को भी नुकसान पहुंचा सकता है. इनमें से कुछ समस्याएं तुरंत सामने आ जाती हैं लेकिन कुछ समस्याएं काफी समय के बाद सामने आ सकती हैं.
बाढ़ से कवर होती हैं सभी पॉलिसी?
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एक कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी बाढ़ के कारण होने वाले सभी नुकसानों के लिए कवर करती है, जो कार की उम्र के आधार पर डेप्रिसिएशन के अधीन है. सभी प्लास्टिक और रबर भागों के लिए, 50 प्रतिशत डेप्रिसिएशन लागू है, जिसका मतलब है कि कुल मरम्मत लागत का केवल आधा हिस्से की प्रतिपूर्ति की जाएगी और शेष लागत का वहन पॉलिसीधारक द्वारा करना होगा.
एक स्टैंडअलोन कॉम्प्रिहेंसिव कार इंश्योरेंस पॉलिसी बाढ़ से होने वाले सभी नुकसानों से रक्षा नहीं कर सकती है. इसलिए इंजन प्रोटेक्शन कवर, जीरो डेप्रिसिएशन कवर जैसे एड-ऑन को इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ शामिल करना आवश्यक है. इसके अलावा व्यक्ति को किसी भी जलजमाव वाले क्षेत्र में फंसने पर उन्हें अपना कार का इंजन चालू नहीं करना चाहिए. क्योंकि जैसे ही आप अपना इंजन शुरू करते हैं और पानी अंदर चला जाता है.
ड्राइवर ने जानबूझकर की गड़बड़ी तो नहीं होगा क्लेम
एक बेसिक कार इंश्योरेंस पॉलिसी बाढ़ से संबंधित सभी नुकसानों के लिए कवरेज प्रदान करती है, लेकिन अगर ड्राइवर की जानबूझकर की गई कार्रवाई के कारण कार को नुकसान होता है तो इंश्योरेंस कंपनियां प्रतिपूर्ति करने से इनकार कर सकती हैं. अगर आपकी कार बेसमेंट में खड़ी है और वह डूब जाती है, और आप सीधे इंश्योरेंस कंपनी को रिपोर्ट करते हैं और उसे सर्विस सेंटर या गैरेज में ले जाते हैं तो कोई समस्या नहीं है.
लेकिन अगर आप अपनी कार डूबने के बाद उसे स्टार्ट करने की कोशिश करेंगे तो आपका इंजन हाइड्रोस्टैटिक लॉक में चला जाएगा. इस स्थिति में, इंश्योरेंस कंपनी इंजन विफलता को कवर नहीं करेगी क्योंकि यह जानबूझकर की गई कार्रवाई के कारण होने वाला नुकसान है. जब कार का इंजन पानी के संपर्क में आता है तो हाइड्रोस्टेटिक लॉक हो जाता है और चलते इंजन में पानी घुसने से इंजन खराब हो जाता है. लेकिन अगर इंजन नहीं चल रहा है और पानी घुस गया है, तो कोई नुकसान नहीं हो सकता है, लेकिन इंजन स्टार्ट करने से पहले पेशेवर सहायता प्राप्त करना उचित है.
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