15 साल पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा कई गुना महंगा, जानिए सरकार की क्या है रणनीति
सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों को फेस आउट करने के लिए कड़ी scrappage policy तैयार की है, जिसका ड्राफ्ट आज जारी कर दिया गया. सरकार का तर्क है कि एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए पुराने वाहनों का हतोत्साहित करना जरूरी है.
सरकार ने यह बेहद महत्वाकांक्षी नीति तैयार की है. (Dna)
सरकार ने यह बेहद महत्वाकांक्षी नीति तैयार की है. (Dna)
सरकार ने 15 साल पुराने वाहनों को फेस आउट करने के लिए कड़ी scrappage policy तैयार की है. सरकार का तर्क है कि एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए पुराने वाहनों का हतोत्साहित करना जरूरी है. इसी मकसद से सरकार ने यह बेहद महत्वाकांक्षी नीति तैयार की है.
सरकार ने इस Policy के जरिए जनता और इससे जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय, सुझाव मांगा है. सूत्रों की मानें तो Scrappage Policy का लक्ष्य है कि 15 साल पुरानी गाड़ियों को हतोसाहित किया जाए. इसके लिए वाहनों के Re-Registration या पुनः पंजीकरण करने पर कई गुना शुल्क लेने का प्रस्ताव है.
15 हजार हो सकता है re-registration शुल्क
सूत्रों की मानें तो scrappage policy में पुरानी कार के re-registration शुल्क को बढ़ाकर 15,000 रुपए तक किये जाने का प्रस्ताव है. यही नहीं कमर्शियल गाड़ियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट को हर 6 महीने में रीन्यू करने और साथ ही फिटनेस सर्टिफिक्ट की फीस भी कई गुना बढ़ाने का प्रस्ताव है.
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आज जारी होगा स्क्रैपेज पॉलिसी पर ड्राफ्ट! क्या होंगी पॉलिसी की अहम बातें? @sameerdixit16 #ScrappagePolicy pic.twitter.com/Y852YopflZ
— Zee Business (@ZeeBusiness) November 15, 2019
पॉलिसी की 2 बड़ी बातें
> सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस पॉलिसी का कैबिनेट नोट पहले ही तैयार कर चुके हैं. ऐसे में सरकार जब चाहे तब इस पॉलिसी को कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेज सकती है
> दूसरा, चूंकि अब तक इस पॉलिसी में सरकार की तरफ से पुराने वाहनों के स्क्रैप करने पर किसी प्रकार का इंसेंटिव का प्रस्ताव नहीं है. लिहाजा सरकार के पास एग्जीक्यूटिव आर्डर के जरिये भी पॉलिसी को जारी करने का अधिकार है.
02:19 PM IST